रामवृक्ष बेनीपुरी (Rambriksh Benipuri) का जीवन परिचय

भारत के एक महान विचारकों व क्रान्तिकारी,साहित्यकार, पत्रकार, संपादक रामवृक्ष बेनीपुरी (Rambriksh Benipuri) एक अलौकिक छवि के धनी थे । अध्‍ययन छोड़कर वह स्‍वतंत्रता-आन्‍दोलन में सम्म्‍लित हो गये थे. इस कारण मैट्रिक के पश्‍चात् इन्‍होंने अध्‍ययन छोड़ दिया। वे हिन्दी साहित्य के शुक्लोत्तर युग के प्रसिद्ध साहित्यकार रहे । रामवृक्ष बेनीपुरी (Rambriksh Benipuri)  गद्य-लेखक, शैलीकार, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, समाज-सेवी और हिंदी प्रेमी के रूप में अपनी प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी है। बेनीपुरी जी राष्ट्र-निर्माण, समाज-संगठन और मानवता के जयगान को लक्षय मानकर बेनीपुरी जी ने ललित निबंध, रेखाचित्र, संस्मरण, रिपोर्ताज, नाटक, उपन्यास, कहानी, बाल साहित्य आदि विविध गद्य-विधाओं में जो महान रचनाएँ प्रस्तुत की हैं, वे आज की युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। रामवृक्ष बेनीपुरी (Rambriksh Benipuri)  सन् 1931 ई. में 'समाजवादी दल' की स्‍थापना की और सन् 1957 ई. में इस दल के प्रत्‍याशी के रूप में बिहार विधानसीाा के सदस्‍य निर्वाचित हुए थे । इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आठ वर्ष जेल में व्यतीत किये  थे। वर्ष 1920 ई. में रामवृक्ष बेनीपुरी (Rambriksh Benipuri)  महात्मा गाँधी के असहयोग आन्दोलन में भी शामिल रहे थे. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् आपने साहित्य-साधना के साथ-साथ देश और समाज के नवनिर्माण कार्य में अपने को हमेशा जोड़े रखा  जोड़े रखा। 9  सितंबर, 1968 को रामवृक्ष बेनीपुरी (Rambriksh Benipuri)  इस संसार से विदा हो गये।

 

परीक्षा की दृष्टि से रामवृक्ष बेनीपुरी (Rambriksh Benipuri)  सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

जन्म - 23 दिसम्बर, 1899

  • जन्म स्थान - मुजफ्फरपुर ( बिहार )
  • मृत्यु - 9 सितम्बर, 1968 में

 

  • उपन्यास -

            1- पतितों के देश में    

  • कहानी  -

            1- चिता के फूल

  • नाटक -

            1- अंबपाली

  • रेखाचित्र -

            1- माटी की मूरतें - 1946

            2- गेहँू औंर गुलाब - 1950

            3- लालतारा

            4- बालगोबिन भगत

            5- वंदे वाणी विनायकौ

  • यात्रा वृत्तांत -

            1- पैरों में पंख बाँधकर - 1952

            2- उड़ते चलों, उड़तें चलों - 1954

  • संस्मरण -

            1- जंजीरें औंर दीवारें

  • अन्य रचनाएं -

            1- स्वाधीन की चेतना

            2- मनुष्यता की चिंता

            3- इतिहास की युगानुरूप व्याख्या

  • पत्रिका -

            1- तरूण भारत

            2- किसान मित्र

            3- बालक

            4- युवक

            5- योगी

            6- जनता

            7- जनवाणी

            8- नयी धारा

            9- कर्मवीर

            10- कैदी

            11- हिमालय

            12- चुन्न ू- मुन्नू

टू द प्वाइंट -

1- रामवृक्ष बेनीपुरी को ‘‘ कमल का जादूगर ’’ भी कहां जाता हैं।