Binsar Wildlife Sanctuary(Binsar वन्यजीव विहार) के बारे में-

बिनसर वन्यजीव विहार(Binsar Wildlife Sanctuary) उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में अल्मोड़ा से 31 किमी की दूरी पर स्थित है. वन्यजीव विहार अपने उत्कृष्ट हिमालयी दृश्य, बर्ड्स और वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है। कुमाऊं हिमालय में बिनसर सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है और बहुत सारे वन्य जीवन के साथ एक प्रसिद्ध पहाड़ी रिसॉर्ट बिनसर हिल्स भी है।  बिनसर समुद्र तल से  2420 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. बिनसर चंद राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी,जो की 7 वी और 8 वी शताब्दी के बीच कुमाउं क्षेत्र पर शासन करता था. बिनसर 45.59 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. बिनसर वन्यजीव अभयारण्य(Binsar Wildlife Sanctuary)  में  200 पक्षियों की प्रजातियों, हिरण, हिमालयी भालू, तेंदुआ, लोमड़ी, कस्तूरी मृग, बंदर, साही, उड़न गिलहरी, चीतल, जंगल बिल्ली आदि देखने को मिलती हैं. इस अभयारण्य में 25 प्रकार के पेड़, 24 प्रकार की झाड़ियाँ और 7 प्रकार की घास पायी जाती हैं। उच्च ऊंचाई वाले ओक और रोडोडेंड्रोन पेड़ों से आच्छादित हैं । बिनसर की  स्थापना एक लंबे स्थानीय आंदोलन के बाद 1988 में बिनसर को वन्यजीव के रूप में नामित किया गया था. देवदार के घने जंगलों से घिरा यहां एक महादेव का मंदिर भी है, जिसे 'बिनसर महादेव' के नाम से जाना जाता है। 'बिनसर महादेव 'भगवान शिव को समर्पित हिंदुओं के पवित्र स्थानों में से एक है। यहां हर वर्ष  के जून माह में महायज्ञ का आयोजन किया जाता है,मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश , हरगौरी और महेशमर्दिनी की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर को राजा पीथू ने अपने पिता बिन्दू की याद में बनवाया था। इसीलिए इस  मंदिर को बिन्देश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।  हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा  बिनसर अभयारण्य को ईको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की है। 45.59 किलोमीटर में फैले बिनसर अभयारण्य की सीमा के चारों ओर से शून्य से तीन किलोमीटर के क्षेत्र को ईको सेंसिटव जोन घोषित किया गया है।

 

बिनसर महादेव मंदिर के बारे में-

बिनसर महादेव मंदिर कुंज नदी के तट पर स्थित है. यह मंदिर समुद्र तल से  2480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. माना जाता है कि बिनसर महादेव मंदिर का निर्माण 9वी/10वी सदी में चंद वंश के शासन काल में हुआ था. इस मंदिर को राजा पीथू ने अपने पिता बिन्दू की याद में बनवाया था। इसीलिए इस  मंदिर को बिन्देश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 'बिनसर महादेव' भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर देवदार,पाइन और ओक के जंगल से घिरा हुआ है.

 

उत्तराखंड के अन्य वन्य जीव बिहार(Wildlife Sanctuary) निम्न हैं-

  1. गोविन्द वन्य जीव विहार(स्थापना-1955, जनपद उत्तरकाशी में स्थित)
  2. केदारनाथ वन्य जीव विहार(स्थापना-1972, जनपद चमोली एवं रुद्रप्रयाग में स्थित )
  3. अस्कोट वन्य जीव विहार(स्थापना-1986, जनपद पिथौरागढ़ में स्थित )
  4. सोनानदी वन्य जीव विहार(स्थापना- 1987, जनपद पौड़ी में स्थित)
  5. मसूरी वन्य जीव विहार(स्थापना- 1993, जनपद देहरादून में स्थित)
  6. नन्धौर वन्य जीव विहार (स्थापना-2012, जनपद नैनीताल व चम्पावत में स्थित )